(1) चित्रगुप्त मंदिर पटनाः पटना के पूर्वी छोर पर दीवान मौहल्ला, नौजर घाट में पतित पावनी गंगातट पर भगवान चित्रगुप्त जी का मंदिर बहुत पुराना मुगलकालीन समय में 400 वर्ष पुराना है, जिसे महाराज सितबरीय के नाती श्री भूपनारायण सिंह ने बनवाया तथा इसके इर्द गिर्द की जमीन को 766 ई. में शामिल कराया। मंदिर का वर्तमान रुप जीर्णोद्वार द्वारा दीवान श्री राय माता दीन को सद्भावना (आत्मा) की अनन्यनिष्ठा का प्रतीक है। कसौटी पत्थर की कृष्ण वर्ण की प्राचीनतम प्रतिमा जो 1760 ई. में स्थापित की असामाजिक तत्वों क्षरा चुराने के पश्चात् वर्तमान श्वेत वर्ण स्फटिक की भव्य मूर्ति राय मथुरा प्रसाद द्वारा कार्तिक शक्ल त्रयोदशी विक्रम सम्वत् 2019 को स्थापित की गयी। इसी परिसर में शिव मंदिर भी है। ये राव मथुरा प्रसाद जी महाराज घाट निवासी राजा श्री रामनारायण जी के वंशज है। डा. राजेन्द्र प्रसाद व श्री कृष्ण वल्लभ सहाय बिहार के मुख्यमंत्री इससे जुड़े थे। यह मंदि जीर्णद्वार चाहता है।
(2) धामगोदा का मंदिर: इस विख्यात मंदिर में जहां 300 मूर्तिया देवी देवताओं, ़ऋषियों, मुनियों, की है। वही भगवान चित्रगुप्त जी की भव्य प्रतिमा 20 मार्च 1983 को श्री जगदीश अस्थाना द्वारा प्रतिस्थापित की गई है। उपर्युक्त मंदिरों के अतिरिक्त श्री चित्रगुप्त के मंदिर निम्नांकित स्थानों पर भी है।
(3) आरा (4) गोदावरी गया (5) नाका के पास दरभंगा (6) मुजफ्फरपुर (7) मोतीहारी (8) रांची (9) समस्तीपुर (10) पूर्णिया (11) बेगुसराय (12) कोशी (13) सहरसा (14) तिरहुत (15) कटिहारा (16) किशनगंज (17) हजारीबाग (18) औरंगाबाद।