मद्रासी कायस्थ

‘’Cited in the History of Kayastha Pages 126 to 128 by Shri Gopi Nath Saxena, Bareilly.

मद्रास में भी एक वर्ग चित्रगुप्त वंश का है जैसा कि निम्नलिखित ग्रन्थों में दिया है – ”गरुण पुराण” ”आदित्य पुराणम” अध्याय 5, ”धनाकर स्मृति”।

‘Havya Kavya Vithigal’ by Mr. S. M. Manikka Pillai ‘Sree Karuneega Puranam’ by Mr. Vasudeva Pillai में श्री चित्रगुप्त जी के तीन स्त्रियों का भी विवरण है।

प्रभावती देवी पुत्री मनु ब्राह्राण, दूसरी स्त्री नीलावती देवी पुत्री माया ब्राह्राण तीसरी पत्नी कारणिकी देवी पुत्री विश्व ब्राह्राण।

Ethonology of the Karmams by U. Sundramurthy Pillai, the Townpresr Conjeeveram, 1927

इस वर्ग के नाम ये हैं मूदालियर, नायडू, पिल्लै, नायर, राजू, मेनन, राव, रेडडी, करनाम इत्यादि। महामद्रास आराकाटा, बंगलौर, आन्ध्र प्रदेश, मैसूर एवं कन्या कुमारी तक पाये जाते हैं। मद्रास और विलौर में श्री चित्रगुप्त जी का मंदिर भी है। इन वर्गों के लोग आल इंडिया कायस्थ कान्फ्रेन्स के कर्इ अधिवेशन (मेरठ सन 1927 एवं इलाहाबाद सन 1939 र्इ0) में सम्मलित हुए।