दक्षिण भारत के मन्दिर

(1) देव श्री चित्रगुप्त मंदिर, कान्चीपुरम, जिला चिंगलपुर प्रान्त , तमिलनाडु: इसके दक्षिण मंे भाड़ा स्ट्रीट (नेल्लुका स्ट्रीट) में श्री रामकृष्ण मठ पूर्वी दिशा में प्रसिद्ध देव श्री चित्रगुप्त मंदिर है। इसका निर्माण ग्रेनाइट पत्थर से चोलवंषी राजा चैन्य चोलम के मंत्री तुलाराम माडवम कनकराय करणीकर (दक्षिण भारतीय कायस्थ वामदेव ऋषि गोत्र) के समय में हुआ। मंदिर का जीर्णोद्वार सन् 1911 मंे चित्रांश यू. सून्दरमूर्ति पिल्लनई व अन्य करनाम ट्रस्टी के सहयोग से हुआ। मंदिर के सामने पूर्वी और विध्नेष्वरी (गणपति) पश्चिम की और बड़लुटर-रामलिंगम स्वामी की संगमरमर की मूर्ति है। मंदिर के प्रांगण में नवग्रह सन्धि केतु स्थित है। जिनके आधि देवता श्री चित्रगुप्त स्वामी है। श्री चित्रगुप्त जी की पूजा से ‘केतु दोश’ निवारण हो जाता है तथा भक्तों के दुःख दरिद्रता व कष्ट का नाश हो परिवार में सुख शान्ति व समृद्धि प्राप्त होती है। कांचिपुरम के शंकराचार्य के मतानुसार मोक्ष प्राप्ति हेतु भक्तों को श्री चित्रगुप्त भगवान की अराधना नियमित करना चाहिए। सभी मतावलम्बिों द्वारा इनकी पूजा की जाती है।

कांचीपुरम में विभिन्न स्थानों पर भगवान श्री चित्रगुप्त जी के 14 मंदिर-स्थापित है। (सन्दर्भ कल्चर कोर्स बुक 10 फार स्टैण्डर्ड द्वारा श्री एस. रामकृश्ण ने एच.वी.ए. के अययर, भारतीय विद्या भवन, बम्बई।