नवीन पटनायक
नवीन पटनायक भारत के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं ओड़िशा के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2014 में ओडिशा विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) को शानदार जीत दिलाने वाले नवीन पटनायक ने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए 21 मई, 2014 मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले नवीन पटनायक ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री हैं। उड़ीसा के बीजू जनता दल संस्थापक और दिग्गज नेता नवीन पटनायक पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के पुत्र हैं।
नवीन पटनायक का जन्म ओडिशा के कटक नगर में 16 अक्टूबर 1946 को हुआ। उनके पिता ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक तथा माँ ज्ञान पटनायक थे। उनकी शिक्षा दून विद्यालय में हुई और बाद में उन्होंने किरोड़ीमल महाविद्यालय, दिल्ली से कला में स्नातक की शिक्षा पूर्ण की। नवीन पटनायक एक लेखक भी हैं और उन्होंने अपना युवाकाल लगभग रजनीति और ओडिशा से दूर ही व्यतीत किया। वर्ष 1997 में नवीन पटनायक उनके पीता का निधन होने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और एक वर्ष बाद ही अपने पिता बीजू पटनायक के नाम पर बीजू जनता दल की स्थापना की। बीजू जनता दल ने उसके बाद विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की और भाजपा के साथ सरकार बनाई जिसमें वो स्वयं मुख्यमंत्री बने। उन्होंने ‘भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई’ और ‘गरीब समर्थक नीतियां’ अपने ही ढ़ंग से आरम्भ किया। उन्होंने नौकरशाही का ठीक से प्रबन्धन कर राज्य के विकास के अपने पिता के सपने को अपने विकास का आधार बनाया। इसी तरह उन्होंने ओडिशा में लोकप्रियता हासिल की और लगातार चार बार पूर्ण जनाधार के साथ मुख्यमंत्री बनने में सफल हुये। नवीन पटनायक के नाम ओडिशा के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री बनने का कीर्तिमान है।वो अभी तक अविवाहित हैं।
राजनीति कैरियर
नवीन पटनायक वर्ष 1996 में अपने पिता की मृत्यु के बाद राजनीति में शामिल हो गए। वर्ष 1996 में वह जनता दल के उम्मीदवार के रूप में, असका विधानसभा क्षेत्र के उप-चुनाव में 11 वीं लोकसभा के लिए चयनित किए गए। वह लोकसभा मेंस्टील और खान मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति और वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति के सदस्य थे।
वर्ष 1997 में नवीन पटनायक ने जनता दल और बीजू जनता दल का गठन किया। इन्होंने वर्ष 2000 में ओडिशा में भाजपा के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में खानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे नवीन पटनायक ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
भाजपा के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, नवीन पटनायक ने वर्ष 2004 में फिर से मुख्यमंत्री का पदग्रहण किया। हालांकि, कंधमाल जिले में वर्ष 2007 में भाजपा के साथ उनके गठबंधन के कारण सांप्रदायिक हिंसा भी हुई थी।
वर्ष 2009 में बीजेडी ने एनडीए के साथ गठबंधन नहीं किया और राज्यविधानसभा चुनाव से पहले वामपंथी दलों के साथ गठबंधन किया। बीजेडी ने दोनों लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल की। बीजेडी ने 21 लोकसभा सीटों में से 14 और विधानसभा की 147 सीटों में से 103 सीटों पर जीत हासिल की।
लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री
नवीन पटनायक अपने पिता बीजू पटनायक का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ साथ खुद को डॉ. हरेकृष्ण महताब और जे.बी. पटनायक जैसे राज्य के अन्य नेताओं से आगे खड़ा कर दिया। 5 मार्च, 2000 से लगातार नवीन ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर हैं। डॉ. मेहताब और जेबी पटनायक ने राज्य में इस पद पर तीन-तीन बार अपनी सेवाएं दीं। विश्वनाथ दास, महाराज कृष्णचंद्र गजपति नारायण देव, नवकृष्ण चौधरी, बीजू पटनायक, नंदिनी सत्पथी और हेमानंद बिस्वाल ने दो-दो बार राज्य की बागडोर संभाली। महाराज राजेंद्र नारायण सिंहदेव, बीरेन मित्रा, सदाशिव त्रिपाठी, बिनायक आचार्य, नीलमणि राउत्रे और गिरधर गमांग को मुख्यमंत्री बनने का अवसर एक-एक बार ही मिला। वर्ष 1937 से कम से कम 15 नेता ओडिशा का नेतृत्व करने के लिए 27 मौकों पर शपथ ले चुके हैं। कृष्ण चंद्र गजपति और विश्वनाथ दास ने 1937 से 1944 तक प्रधानमंत्री के तौर पर राज्य का कार्यभार संभाला और 13 अन्य ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। फिलहाल असम के राज्यपाल जे.बी. पटनायक ने क़रीब 12 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता का कार्यकाल बाधित भी हुआ। पहली बार 1980 में उन्होंने केवल एक साल पूरा किया। वर्ष 1985 और 1995 में भी उनका कार्यकाल बाधित हुआ।
विवाद
पटनायक की पार्टी बीजेडी के कुछ सांसद विधायकों पर चिट फंड घोटाले में शामिल होने का आरोप है और सीबीआई द्वारा 2014 में पूछताछ की गई हैसीबीआई इस बहुकरोड़ वित्तीय घोटालों के संबंध में 30 से अधिक कंपनियों की जांच कर रही है, जिन्होंने लाखों राज्यों के गरीबों को लूट लिया हैउनके जीवनकाल बचत इस मुद्दे पर पटनायक की चुप्पी की वजह से सवाल उठाए गए थे और इस तरह के कई ऐसे व्यवसायों की निकटता के रूप में, जैसे कि एक ऐसी कंपनी द्वारा एक समाचार चैनल के शुभारंभ के दौरान फोटो खींची गई थी।
पुरस्कार और मान्यता
अक्टूबर 2013 में उष्णकटिबंधीय तूफान से पहले लगभग दस लाख लोगों को निकालने का प्रयास करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को सम्मानित किया गया, जो तटीय ओडिशा में एक भूमिगत हो गया।
इंडिया टुडे-ओआरजी-मार्ग मूड ऑफ नेशन पोल द्वारा भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा दिया।
एनडीटीवी ओपिनियन पोल द्वारा दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री का दर्जा दिया।